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लेखनी प्रतियोगिता -15-Oct-2023 "स्वीकार हमें तुम कर लो माँ"

'स्वीकार हमें तुम कर लो माँ'

तेरे दर पे माँ हम शीश नवा कर, 
सब पापों की क्षमा मांगने आए है।। 

अच्छे बुरे सब कर्मो का माँ, 
अपने अंतर मन से समर्पण करने आए हैं।। 

स्वीकार हमें तुम कर लो मां, 
हम चरणों में तेरी अहंकार को तजने आए हैं।। 

हम बालक अज्ञानी मां, 
मन का अंधकार मिटाने आए हैं।। 

तू जननी तू जगदंबा तू काली तू कपालिनी, 
तेरे रूप को माता हम नैनों में बसाने आए हैं।। 

हर संकट को मिटा दे माँ, 
हम आस की ज्योत जलाकर आए हैं।। 

सर्वनाश कर पापी का माँ, 
हम तेरा चमत्कार देखने आए हैं।। 

हम बालक अज्ञानी मां, 
मन का अंधकार मिटाने आए हैं।। 

मधु गुप्ता "अपराजिता"

🌹🌹🙏🙏🌹🌹





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10 Comments

Mohammed urooj khan

16-Oct-2023 04:12 PM

👌👌👌👌

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🙏🙏🙏

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सुन्दर सृजन

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Thank u so much 🙏🙏

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Abhinav ji

16-Oct-2023 07:32 AM

Very nice 👍

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Thank u so much 🙏🙏

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